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Opinion

भारत को ये बड़बड़ाते ऑस्ट्रेलियाई पसंद आ रहे हैं. और वे अब और भी मजबूत होने वाले हैं

Click here to read Sunil Gavaskar’s column in English.

पर्थ में जीत हासिल करने के बाद अब टीम इंडिया एडिलेड पे मोर्चा संभालेगी। पहला टेस्ट मैच जितना तो हर टीम की ख्वाइश होती है, और जब वोह जीत घर से बहार हो तो फिर आपका हैसला और भी बुलंद हो जाता है.

ऑस्ट्रेलिया पहले टेस्ट को हारने के बाद अब बराबरी पाने के लिए बेहद उत्सुक होगा. हालांकि येह पांच मैचों की सीरीज है, पर्थ की शिककस्त के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए एडिलेड में जितना एक कठिन परीक्षा होगी.

चार साल पहले टीम इंडिया ने स्वयं इस अग्निपरीक्षा को पार किया था. उस बार, एडिलेड में ३६ आल आउट होने के बावजूद टीम इंडिया ने हार नहीं मानी और सीरीज जीत के घर वापस लौटे.

अब यह बात तो सही है की उस सीरीज के दुसरे टेस्ट मैच में, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने एमसीजी के हरेभरे पिच पे पहले बैटिंग करने का निर्णय लेके टीम इंडिया को जीवनदान दिया था.

टीम इंडिया उस वक़्त काफी दुविधा में थी - टीम के कप्तान और बेहतरीन बल्लेबाज़ वापस घर जा चुके थे और साथ में पहले टेस्ट के भारी हार के बाद खिलाडी विचलित हो गए थे. परन्तु मेलबॉर्न में पहले बैटिंग करके ऑस्ट्रेलिया जसप्रीत बुमराह की गेंदबाज़ी का शिकार हो गया, और १९५ पे आल आउट हो बैठा.

फिर अजिंक्य रहाणे ने अपने शानदार शतक से टीम इंडिया कोह विजय का रास्ता दिखाया और ऑस्ट्रेलियाई टीम का मनोबल तोर दिया.
हार को जित में बदलने में मुंबई के दो धुरंधरों का बड़ा योगदान था। एक थे रवि शास्त्री, क्रिकेट के दुनिया के महारथी, जो टीम के कोच थे और एडिलेड की हार के बावजूद उन्होंने टीम इंडिया को हताश होने नहीं दिया.

King Kohli at training in Adelaide.

King Kohli at training in Adelaide.Credit: Getty Images

दूसरे थे अजिंक्य रहाणे - अत्यंत कुशल, अत्यंत विनम्र - जिसने अपने कप्तानी से ऑस्ट्रेलिया को हराया.

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क्या ऑस्ट्रेलिया के टीम में कोई ऐसा है जो खिलाड़ियों को निराशा से उबार सके, जो हर कोने से आने वाली समालोचनाओं से टीम को दूर रख सके? पर्थ की हार के बाद, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने अपनी टीम की निंदा में कोई कसर नहीं छोरी है.
किस खिलाडी का फॉर्म बिगड़ गया हे, किसको ड्राप करना चाहिए ,और विराट कोहली को इतने रन क्यों बनाने दिये गए? तानो की बारिश बरस रही है.

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हाल ऐसा हुआ है की कुछ बेवकूफ लोग तो यह भी पूँछ रहे है की उस्मान ख्वाजा ने पर्थ में पहली बाल का सामना क्यों नहीं किया? वैसे भी इससे कोई फरक तो नहीं पर्ने वाला था.

ऑस्ट्रेलिया की इस मुश्किल घडी को देख टीम इंडिया को शायद मज़्ज़ा तो आ रहा होगा, लेकिन आपने ख्याल किया होगा की किसी वर्त्तमान या पूर्व भारतीय खिलाडी ने ऑस्ट्रेलिया को कोई अनचाही सलाह नहीं पेश की है.

इस सीरीज के दुसरे मैच के लिए रोहित शर्मा कप्तान के तौर पर वापस आयेंगे, और उनके साथ सूरमा खिलाडी शुभमण गिल भी रहेंगे. सवाल यह है की रोहित शर्मा जैसे धुआंधार बल्लेबाज़ अब किस स्थान पर बैटिंग करेंगे? हो सकता है की रोहित शर्मा ओपन न करे, और शुभमण गिल के बाद चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करे।

दूसरा सवाल यह है की, पर्थ में नए खिलाडी नितीश रेड्डी की सराहनीय प्रदर्शन के बाद, क्या टीम इंडिया एडिलेड में केवल एक स्पिन गेंदबाज के साथ उतरेगी?

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अगर यह होता है तो क्या वाशिंगटन सुन्दर को खिलाना चाहिए, या रविंद्र जडेजा को बुलाना चाहिए? जडेजा के बाये हाथ की गेंदबाज़ी टीम इंडिया के काम आ सकती है, मगर एडिलेड की छोटी बौंडरीएस जडेजा के लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है.

ऑस्ट्रेलिया के पास ट्रैविस हेड है जो हमेशा धावा बोलने के लिए तैयार है, और उनके रैंक में तीन अन्य बाएं हाथ के खिलाड़ी भी हैं.
दोनों टीम मुक़ाबले के लिए तैयार है, मगर टीम इंडिया का पलड़ा भारी है, और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में जगह अब दांव पे है.
जी श्रीमान, पर्थ में विजय के बाद, अब एडिलेड में टीम इंडिया को जीतना है.

Translation by Supratim Adhikari

Sunil Gavaskar played 125 Tests for India and scored 10,122 runs. He will commentate the Border-Gavaskar series for Channel Seven.

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Original URL: https://www.brisbanetimes.com.au/sport/cricket/india-love-these-grumbling-aussies-and-they-re-about-to-get-stronger-20241205-p5kw9y.html